कोई भी निति समझनी हो तो हेडलाइन छोड़कर विवरण पढ़ना चाहिएl जब खट्टर सरकार की नीतियों का अध्ययन करें तो मालूम होता है सरकार पुरी तरह गरीबों को मिलने वाली सुविधाओं को हटाने में लगी हुई है|
पिछले 1 वर्ष में खट्टर सरकार ने परिवार पहचान पत्र बनवाया, परिवार के सभी सदसयों का आधार कार्ड ,पैन कार्ड, बैंक खाता और वार्षिक आए पूछीl यह सभी जानकारी लेने के बाद हरियाणा सरकार ने धारा 134ए शिक्षा अधिकार अधिनियम हटा कर चिराग योजना लाए। योजना के अंतरगत क्लास 2 से क्लास 12 में पढ़ने वाले बच्चों को निजी स्कूल में दाखिला दिया जाएगा अगर उनके माता-पिता की सालाना आय ₹1.8 लाख से कम हो।
सरकार ने उसके बाद चिरायु योजना की घोषणा की जिसमें कहा ₹1.8 लाख से कम कमाने वाले परिवार को बीमा कार्ड दिया जाएगा और उनका इलाज प्राइवेट अस्पातालों में मुफ्त किया जाएगा।अब खट्टर सरकार ने लोगों के नाम राशन कार्ड सूची और बुढ़ापा पेंशन से हटाने शुरू कर दिए हैं जिन परिवार की वार्षिक आय ₹1.8 लाख से अधिक है।हज़ारों की तादाद में लोग सरकार दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं कि उनके नाम दोबारा राशन कार्ड और पेंशन सूची में डाले जाएं|
जनता कभी हेडलाइन के आगे पढ़ति नहीं,और इसी में सरकार उन्हें चकमा दिए जाती हैl ₹1.8 lakh सलाना मतलब ₹15,000 महिनाl हरियाणा सरकार की न्यूनतम आए है ₹10,000 और इस राशि में किसी का घर नहीं चल सकताl जब गैस सिलेंडर ₹1100 है तो 10,000 में किसका घर चल सकता है? परिवार के सभी सदस्य काम करे तो सलाना आए ₹1.8 लाख से अधिक हो जाती है।और इस पर परिवार को मिलने वाली सरकारी सुविधाएं शिक्षा, स्वास्थ्य और राशन तीनो से हाथ धोना पड़ जाएगा। खट्टर सरकार छल कपट से हरियाणा के गरीब लोगों की सभी सुख सुविधाएं छिन कर गरीबों के साथ अन्याय कर रही है।
सोचने वाली बात है एक तरफ दिल्ली सरकार 200 यूनिट बिजली मुफ्त, 20,000 यूनिट पानी मुफ्त, सरकारी स्कूल में अच्छी शिक्षा, मोहल्ला क्लीनिक में मुफ्त दवाइयां और बस में महिलाओं का किरया मुफ़्त देकर भी मुनाफे में चल रही है और हरियाणा सरकार जनता की मूलभूत सुविधाएं बंद करने के बावजूद कई लाख करोड़ के कर्ज में डूबी हैl हरियाणा के गरीब लोगों के साथ सरकार भड्डा मजाक कर रही हैl गरीब लोगों की बद्दुआ भाजपा सरकार को जरूर लगेगी|