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MONTHLY ARCHIVES:   AUGUST 2021
25 Wednesday
Aug. 2021
महिलाओं का दमन।



ऐतिहासिक रूप से पुरुष और महिला के बीच पूरी तरह से समान संबंध थे। जानवरों के साम्राज्य का निरीक्षण करें तो शिकार करना और बच्चों की देखभाल करने को समान प्राथमिकता मिलती है। दोनों नर और मादा अपना काम करते हैं और सद्भाव में रहते हैं।

दूसरी ओर मनुष्य ने गुफाओं से विकसित होकर समुदायों में रहना शुरू किया और समाज के लिए नियम पुरुषों द्वारा लिखे गए। धर्म का उपयोग कर पुरुषों ने अपने आप को शक्तिशाली बना दीया और महिलाओं को अपने अधीन कर लिया । धर्म चाहे कोई भी हो ईसाई धर्म , हिंदू या इस्लाम, पुरुषों ने महिलाओं के शरीर, महिलाओं की स्वतंत्रता, महिलाओं के जीवन को नियंत्रित कर लिया और अपने घरों के स्वामी बन गए। वे क्या पहन सकती है, पढ़ाई या काम कर सकती है , गर्भनिरोधक का उपयोग कर सकती है ऐसे सभी व्यक्तिगत निर्णय महिलाओं के हाथों से पुरुषों द्वारा छीन लिए गए।

पुरुष तय करते हैं कि महिलाओं को किस समय तक घर से बाहर रहना चाहिए और किस समय के बाद उनके लिए घूमना फिरना खतरनाक है। उन्होंने तय किया कि महिला को सिंदूर, मंगलसूत्र या हिजाब पहनना है। जो पुरुष अपने गुस्से, लत, लालच और वासना को नियंत्रित नहीं कर सकते, उन्होंने अपनी माताओं, पत्नियों, बहनों, बहुओं और बेटियों को नियंत्रित करना चाहते हैं ।

तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया और 1.5 करोड़ से अधिक महिलाओं के काम करने और पढ़ाई करने रोक लग गई हैl अकेले अपने घर से बाहर निकलने तक का अधिकार खो दिया है। इस तरह के एक आतंकवादी समूह ने पूरे देश पर काबू कैसे पाया यह राजनीति है। चार दशकों से अफगानिस्तान के लोगों को विभिन्न विदेशी शक्तियों द्वारा लूटा गया है और अब उनके अपने चरमपंथी समूह ने कब्जा कर लिया । यह पूरी दुनिया के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

अलबामा अमेरिका का पहला राज्य बन गया जिसने अबॉर्शन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है l बच्चे के दिल की धड़कन 6 सप्ताह मैं शुरू हो जाती है जब तक महिलाओं को पता नहीं होता कि वे गर्भवती हैं। कानून बलात्कार में भी अबॉर्शन पर प्रतिबंध लगाया गया है। अर्कांसस, जॉर्जिया, केंटकी, लुइसियाना, मिसिसिपी, मिसौरी, नॉर्थ डकोटा और ओहियो में भी ऐसे कानून पारित किए गए हैं। दुनिया के सबसे विकसित देश में महिला का खुद के गर्भ पर अधिकार उससे छीना जा रहा है।

घर के करीब हमारे यहां लव जिहाद के कानून को पारित किया है, और अदालतें एक बालिक महिला के अधिकार को अनदेखा करती है की वह किसके साथ रहना चाहेगी । बालिक महिला को उनके पति से हटाकर पिता की हिरासत में दे दिया जाता है जैसे कि वे मवेशी हो , इंसान नहीं । सोशल मीडिया पर हर दिन महिलाओं को हिंसा, अभद्र भाषा, बलात्कार की धमकी दी जाती है। कई पुरुष ट्रोल द्वारा महिलाओं को “उनकी जगह दिखाए जाने” से खुश होते हैं।

एक सक्षम पुरुष ही मजबूत महिला को स्वीकार कर उसे अपने जीवन के निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है । मेरे एक मित्र ने कहा था “एक शिक्षित शहरी महिला भारत में सबसे सशक्त व्यक्तियों में से एक है”। वे अपने लिए सोचने और निर्णय लेने में सक्षम हैं। वे पितृसत्ता पर सवाल उठा सकती है, और समाज की जंजीरों को तोड़ सकती है ।

हमारी पीढ़ी की महिलाओं को ऐसे लड़कों की परवरिश करनी चाहिए जो मजबूत लड़कियों से खतरा ना समझे । हमें अपनी बेटियों को पढ़ा कर साहसी और निडर बनाना है। हमारी पीढ़ी के पुरुषों पर बड़ा सवाल है- क्या आप अपनी महिलाओं का दमन जारी रखेंगे, या आप उनके दोस्त, साथी बनकर उनके साथ ऊंची उड़ान भरना चाहेंगे?

तालिबान के अफगानिस्तान मे राज करने से मुझे इस बात का एहसास हुआ है कि धार्मिक उग्रवाद को पहली बार में ही बहुत मजबूती से रोक देना चाहिए। अगर हम उन्हें बढ़ावा देते हैं तो लाठियों से बंदूकों मैं बदलने में ज्यादा समय नहीं लगता और छोटा सा फ्रिंज समूह एक राष्ट्र को चलाने वाली शक्ति बन जाता है।

अपनी बहन, माँ, पत्नी और बेटी को देखिए और अपने आप से पूछिए, क्या वह मुझसे किसी भी तरह से कम है? यदि नहीं, तो अपने परिवार की महिलाओं को सशक्त बनाइए और जीवन के उद्देश्य तक पहुंचने में उनकी सहायता करिए।

कोई भी देश महाशक्ति बनने की आशा नहीं कर सकता यदि उसके 50% कार्यबल को कमजोर रखा जाए। शिक्षा और रोजगार महिलाओं के हौसले को पंख देते हैं। आइए अगले 25 वर्षों में भारत को एक आर्थिक महाशक्ति बनाने का लक्ष्य रखें।जाति, लिंग या धर्म को छोड़कर एक इंसानियत वाला देश बनाने का प्रयास करें। हम सब मिलकर इस सपने को संभव कर सकते हैं।

डॉ सारिका वर्मा
ईएनटी सर्जन


25 Wednesday
Aug. 2021
Repression of women.



Historically men and women had a completely equal relationship. Observe the animal kingdom in the distribution of duties, hunting and caring for young ones have equal priority. Each does their own work and together they live in harmony.

Human beings on the other hand after evolving from cave men and women, started living in communities and then rules for society were written by men. Religion was used as a tool to make men more powerful and subjugate women. Whether it is Christianity, Hinduism or Islam, men took the power to control women’s bodies, women’s freedom, women’s lives and became lord and masters of their own homes. What they could wear, whether they could work or study, whether they could use contraception all such personal decisions were taken out of women’s hands by men.

Men decided what time women should be out of the house and after what time it is dangerous for them to be loitering about. They decided whether a woman should wear sindoor, mangalsutra, hijab or habit. Men who cannot control their temper, addictions, greed and lust have decided to control their mothers, wives, sisters, daughter in laws and daughters.

The fact that Taliban has taken control of Afghanistan is distressing. More than 1.5 crore women have lost their right to work, study, expose their faces or step out of their homes. How such a fringe extremist terrorist group got power and control of an entire country is complicated politics. For four decades Afghanistan and its people have been plundered and controlled by various foreign powers and now will be dominated by their own extremist group. It is a matter grave concern for the entire world.

Alabama became the first state in America to completely ban abortions once the heartbeat is detected, which is is as early as 6 weeks when most women are not aware they are pregnant.The legislation bans abortion in nearly all circumstances, including rape and incest. Restrictive bans have been passed in Arkansas, Georgia, Kentucky, Louisiana, Mississippi, Missouri, North Dakota and Ohio. So the right of a woman on her own womb is being snatched away from her in the most developed nation of the world.

Closer home we have passed love jihad laws, and courts ignore a grown woman’s right to choose with whom she wants to live. Adult women are removed from their husbands and custody given to their fathers as if they were cattle and not human beings. Everyday women are threatened with violence, hate speech, rape threats and “go to Pakistan/ Afghanistan” slogans on social media. Many men are happy to see women “being shown their place” by trolls.

The fact is, it takes a very secure man to accept a strong woman and let her make life decisions. A friend of mine once said “an educated, outspoken, urban woman is one of the most empowered beings in India”. They are able to think for themselves and take decisions. They learn to question patriarchy, and break any chains that want to bind them down.

It’s upto women of our generation to raise boys who are not threatened by strong girls. To raise girls who are bold, courageous, ambitious and go-getters. It’s upto the men of our generation- would you continue to suppress the women in your life, or will you choose to become their friends, partners and soar together???

The rise of Taliban has made me realise that religious extremism should be curbed very strongly in the first instance itself. If we let them grow it won’t be long before lathis are replaced with guns, and what was once a fringe group then becomes the power that runs a nation.

Look at your sister, mother, wife and daughter. And ask yourself, is she less than me in any way? If no, empower the women in your family and help them reach their life’s purpose.

No country can hope to become a superpower if 50% of their workforce is undermined. Education and employment give wings to women’s spirits. Let’s aim to make India an economic superpower in the next 25 years. Let’s respect each other irrespective of caste, gender or religion. Let us strive to work towards a gender neutral world. Together, we can.

Dr.Sarika Verma
ENT Surgeon Gurgaon.